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Punjab news: नारायण सिंह चौरा की पत्नी से पुलिस की पूछताछ, सुखबीर बादल पर हमले में भूमिका की हो रही जांच

Punjab news: हाल ही में श्री हरिमंदिर साहिब अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले के बाद पुलिस ने नारायण सिंह चौरा के घर पर छापा मारा है। चौरा वही व्यक्ति है, जिसने सुखबीर सिंह बादल पर हमला किया था। पुलिस अब चौरा की पत्नी से पूछताछ कर रही है, और इस मामले में सख्त जांच शुरू कर दी है।

नारायण सिंह चौरा, जो अकाल फेडरेशन का प्रमुख है और 21 सदस्यीय हवारा कमेटी का सदस्य भी है, पहले भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर चुका है। इस हमले के बाद से उसकी गिरफ्तारी की मांग जोर पकड़ चुकी है। पुलिस द्वारा छापा मारे जाने के दौरान चौरा की पत्नी बीबी जसमीत कौर (जसवंत कौर के नाम से भी जानी जाती हैं) घर पर अकेली पाई गईं। उनके साथ उनका बेटा भी घर पर था, जबकि चौरा का दूसरा बेटा अलग घर में रहता है।

Punjab news: नारायण सिंह चौरा की पत्नी से पुलिस की पूछताछ, सुखबीर बादल पर हमले में भूमिका की हो रही जांच

पुलिस की छापेमारी और पूछताछ

पुलिस ने नारायण सिंह चौरा के घर पर छापा मारा, जो साहिब नगर इलाके में स्थित है और गुरुद्वारा श्री चौला साहिब के पास है। छापे के दौरान पुलिस ने बीबी जसमीत कौर से पूछताछ की। चौरा के खिलाफ पहले से कई आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप हैं, और अब इस नए मामले में उनकी भूमिका की जांच हो रही है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चौरा के खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें 2004 में बुराइल जेल ब्रेक का मामला भी शामिल है। हालांकि, इस मामले में चौरा को अदालत से बरी कर दिया गया था, लेकिन फिर भी उसकी संदिग्ध गतिविधियों के कारण उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।

बुराइल जेल ब्रेक और अन्य आरोप

नारायण सिंह चौरा का नाम 2004 में हुए बुराइल जेल ब्रेक मामले में भी सामने आया था, जब चार आतंकवादी कैदी एक 94 फीट लंबी सुरंग खोदकर जेल से फरार हो गए थे। इस मामले में चौरा पर आरोप था कि उसने खालिस्तानी आतंकवादियों की मदद की थी। हालांकि बाद में अदालत ने उसे बरी कर दिया। चौरा को कई साल तक यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम) के तहत जेल में रखा गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई।

बittu ने भी लगाया गंभीर आरोप

रवनीत बिट्टू, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं, ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि सुखबीर सिंह बादल की जान इस वजह से बची क्योंकि वह गुरुद्वारा में थे। बिट्टू ने यह भी आरोप लगाया कि हमलावर नारायण सिंह चौरा, जिन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर हमला किया था, उनके दादा बेअंत सिंह की हत्या में भी शामिल था। बिट्टू ने यह खुलासा किया कि चौरा ने 2009 में उन्हें भी मारने की कोशिश की थी और उस समय उनके पास आरडीएक्स (RDX) भी था।

चौरा ने पहले भी उन्हें और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को धमकियाँ दी थीं। बिट्टू ने कहा, “नारायण सिंह चौरा जैसे आतंकवादी तत्वों का समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। ये लोग न केवल राजनीति को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि हमारे समाज के लिए भी खतरा हैं।”

काहलोन का विरोध

बीजेपी नेता रविकरण सिंह काहलोन, जिन्होंने डेरा बाबा Nanak में उपचुनाव लड़ा था, ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “लोग गुरुद्वारे में शांति की तलाश में आते हैं, लेकिन गुरुद्वारे के दरवाजे पर इस तरह का हमला पूरी तरह से निंदनीय है।” काहलोन ने नारायण सिंह चौरा को आतंकवादी बताते हुए कहा कि जब वह 2018 में जमानत पर बाहर आए थे, तो उन्होंने सुखबीर सिंह बादल, उनके पिता निर्मल सिंह काहलोन और खुद उन्हें धमकी दी थी।

काहलोन ने कहा कि चौरा का यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे समाज पर हमला है। यह घटनाएँ हमें यह बताती हैं कि हमारे समाज में आतंकवादियों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, और हमे इसे रोकने के लिए मिलकर काम करना होगा।

भविष्य की जांच और कार्रवाई

इस समय पुलिस चौरा की पत्नी से पूछताछ कर रही है और इस हमले के पीछे के असली मकसद को जानने की कोशिश कर रही है। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि क्या चौरा अकेले इस हमले में शामिल था या उसका कोई और साथी था। पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच के लिए चौरा के करीबी रिश्तेदारों और सहयोगियों से भी पूछताछ करने की योजना बनाई है।

अगर पुलिस को यह पता चलता है कि चौरा ने इस हमले में किसी और की मदद ली है, तो उसे जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस के अनुसार, इस हमले के बाद आतंकवादियों के नेटवर्क की जांच भी की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी।

नारायण सिंह चौरा के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई और उसकी पत्नी से पूछताछ इस बात का संकेत है कि यह मामला गंभीर रूप से जांच के योग्य है। इस घटना ने न केवल पंजाब की राजनीति में हलचल मचाई है, बल्कि पूरे समाज में आतंकवादियों के प्रभाव और उनकी गतिविधियों को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है। अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में और क्या सुराग हासिल करती है और चौरा के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जाती है।

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